नाथ संभुधनु भंजनिहारा। होइहि केउ एक दास तुम्हारा॥

2 years ago

नाथ संभुधनु भंजनिहारा। भगवान परशुराम कहते है कि यह धनुष भगवान विष्णु का है, आखिर यह संदेह मिटे कैसे, हे… Read More

मेरा मुझमें कुछ नहीं,जो कुछ है सो तोर। तेरा तुझकौं सौंपता,

2 years ago

मेरा मुझमें कुछ नहीं,जो कुछ है सो तोर। कबीर कह रहे हैं कि अगर आपको अपना बड़प्पन रखना है तो… Read More

उपजइ राम चरन बिस्वासा। भव निधि तर नर बिनहिं प्रयासा।।

2 years ago

उपजइ राम चरन बिस्वासा। तुलसीदास जी ने कहा-अपने अपने धर्म में जो अटल विश्वास है, वह अक्षयवट है और शुभ… Read More

कवनिउ सिद्धि कि बिनु बिस्वासा। बिनु हरि भजन न भव भय नासा॥

2 years ago

कवनिउ सिद्धि कि बिनु बिस्वासा। ये तो भारत जैसे सनातन धर्म की महिमा है कि श्रद्धा और विश्वास के कारण… Read More

संसय,बंधन काटि गयो उरगादा। उपजा हृदयँ प्रचंड बिषादा॥

2 years ago

  बंधन काटि गयो उरगादा। रण की शोभा तब ही होती है जब बराबर के वीरों का युद्ध हो हे… Read More

मोरेहु कहें न संसय जाहीं। बिधि बिपरीत भलाई नाहीं॥

2 years ago

मोरेहु कहें न संसय जाहीं। पार्वती जी के मन में संशय- जगत को पवित्र करनेवाले सच्चिदानंद की जय हो, इस… Read More

संसय,एकरूप तुम्ह भ्राता दोऊ। तेहि भ्रम तें नहिं मारेउँ सोऊ।।

2 years ago

एकरूप तुम्ह भ्राता दोऊ। श्री राम जी के मन में संशय- बालि और सुग्रीव के जन्म के विषय में एक… Read More

पार्वती विवाह,देखहु मुनि अबिबेकु हमारा। चाहिअ सदा सिवहि भरतारा।।

2 years ago

देखहु मुनि अबिबेकु हमारा। पार्वती विवाह- शंकर जी ने सप्तऋषियों से कहा की जाकर पार्वती जी की परीक्षा लो सप्तऋषियों… Read More

सौरज धीरज तेहि रथ चाका। सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका॥

2 years ago

सौरज धीरज तेहि रथ चाका। तुलसीदास ने रामजी के माध्यम से हम सभी को यह सन्देश दिया कि  हमारे जीवन… Read More

रावनु रथी बिरथ रघुबीरा। देखि बिभीषन भयउ अधीरा।।

2 years ago

रावनु रथी बिरथ रघुबीरा। तुलसी का धर्म रथ-संसार में विजय प्राप्त करने के लिए धर्म और आचरण एक  निर्णायक तत्त्व… Read More