नर तन सम नहिं कवनिउ देही। जीव चराचर जाचत तेही।। Leave a Comment नर तन सम नहिं कवनिउ देही। जीव चराचर जाचत तेही।। Read More »
प्रभु माया बलवंत भवानी। जाहि न मोह कवन अस ग्यानी॥ Leave a Comment प्रभु माया बलवंत भवानी। जाहि न मोह कवन अस ग्यानी॥ Read More »
यह सब माया कर परिवारा। प्रबल अमिति को बरनै पारा।। Leave a Comment यह सब माया कर परिवारा। प्रबल अमिति को बरनै पारा।। Read More »
माया,मैं अरु मोर तोर तैं माया। जेहिं बस कीन्हे जीव निकाया॥ Leave a Comment माया,मैं अरु मोर तोर तैं माया। जेहिं बस कीन्हे जीव निकाया॥ Read More »
माया,एक बार प्रभु सुख आसीना। लछिमन बचन कहे छलहीना।। Leave a Comment माया,एक बार प्रभु सुख आसीना। लछिमन बचन कहे छलहीना।। Read More »
मानस चिंतन,भरी उनकी आँखों में है कितनी करुणा। Leave a Comment मानस चिंतन,भरी उनकी आँखों में है कितनी करुणा। Read More »
सरल,गुर पद बंदि सहित अनुरागा। राम मुनिन्हसन आयसु मागा॥ Leave a Comment सरल,गुर पद बंदि सहित अनुरागा। राम मुनिन्हसन आयसु मागा॥ Read More »
सरल,अति बिनीत मृदु सीतल बानी। बोले रामु जोरि जुग पानी॥ Leave a Comment सरल,अति बिनीत मृदु सीतल बानी। बोले रामु जोरि जुग पानी॥ Read More »
सरल,तब कर कमल जोरि रघुराई। बोले बचन श्रवन सुखदाई।। Leave a Comment सरल,तब कर कमल जोरि रघुराई। बोले बचन श्रवन सुखदाई।। Read More »
सरल,नाइ सीसु पद अति अनुरागा। उठि रघुबीर बिदा तब मागा॥ Leave a Comment सरल,नाइ सीसु पद अति अनुरागा। उठि रघुबीर बिदा तब मागा॥ Read More »