पर हित लागि तजइ जो देही। संतत संत प्रसंसहिं तेही॥

2 years ago

पर हित लागि तजइ जो देही। काम देव ने विचार किया कि मैंने अभी तक  अपने सामने  किसी को कुछ… Read More

मानस चिंतन,सहज सरल सामान्य साधारण,मम दरसन फल परम अनूपा।

2 years ago

मम दरसन फल परम अनूपा। भगवान राम का स्वभाव सहज और सरल है। ऐसा स्वभाव जिस भक्त का होता है… Read More

सलाह सम्मति विचार विमर्श परामर्श,नाथ कहिअ हम केहि मग जाहीं॥

2 years ago

राम सप्रेम कहेउ मुनि पाहीं। नाथ कहिअ हम केहि मग जाहीं॥ राम जी ने हमेशा सभी की सलाह से कार्य… Read More

हरि अवतार हेतु जेहि होई। इदमित्थं कहि जाइ न सोई॥

2 years ago

हरि अवतार हेतु जेहि होई। राम अवतार के कारण भाव वाले भक्त का, भगवान पर भी भार है। इसलिए परब्रह्म… Read More

दीनता,नम्रता छोटा,मेरा मुझ में कुछ नहीं,जो कुछ है सो तोर ।

2 years ago

  मेरा मुझ में कुछ नहीं,जो कुछ है सो तोर । तेरा तुझकौं सौंपता, क्या लागै है मोर ॥ कबीर… Read More

विश्वास भरोसा,बिनु बिस्वास भगति नहिं तेहि बिनु द्रवहिं न रामु।

2 years ago

बिनु बिस्वास भगति नहिं तेहि बिनु द्रवहिं न रामु। काकभुशुण्डि ने कहा हे पक्षीराज गरुड़! निज-सुख (आत्मानंद) के बिना क्या… Read More

संशय भ्रम शंका,जेहि बिधि मोह भयउ प्रभु मोही। सोउ सब कथा सुनावउँ तोही॥

2 years ago

जेहि बिधि मोह भयउ प्रभु मोही। काकभुशुण्डि का संशय! हे पक्षीराज! मुझे यहाँ निवास करते सत्ताईस कल्प बीत गए॥ इहाँ… Read More

राम कथा कलिकामद गाई । सुजन संजीवन मूर सुहाई ।।

2 years ago

राम कथा कलिकामद गाई । मंगलाचरण जय जय राम कथा । जय श्री राम कथा।। इसे श्रवन कर मिट जाती… Read More

पार्वती विवाह,सतीं मरत हरि सन बरु मागा। जनम जनम सिव पद अनुरागा॥

3 years ago

      सतीं मरत हरि सन बरु मागा। पर्वती विवाह- शिव जी के मना करने पर भी सती जी… Read More

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

3 years ago

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। 1 मंगलाचरण जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा इसे श्रवन कर मिट जाती है… Read More