
जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल।
सुर नर मुनि सब कै यह रीती। स्वारथ लागि करहिं सब प्रीती।।
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जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल।
चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल॥
चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल॥
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