तदपि एक मैं कहउँ उपाई। होइ करै जौं दैउ सहाई॥ Leave a Comment तदपि एक मैं कहउँ उपाई। होइ करै जौं दैउ सहाई॥ Read More »
अहंकार,नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं। प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं॥ Leave a Comment अहंकार,नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं। प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं॥ Read More »
मानस चिंतन,भरी उनकी आँखों में है कितनी करुणा। Leave a Comment मानस चिंतन,भरी उनकी आँखों में है कितनी करुणा। Read More »
प्रेम,बार बार प्रभु चहइ उठावा। प्रेम मगन तेहि उठब न भावा॥ Leave a Comment प्रेम,बार बार प्रभु चहइ उठावा। प्रेम मगन तेहि उठब न भावा॥ Read More »
मानस चिंतन,जानें बिनु न होइ परतीती । बिनु परतीति होइ नहि प्रीती । Leave a Comment मानस चिंतन,जानें बिनु न होइ परतीती । बिनु परतीति होइ नहि प्रीती । Read More »
कह रघुबीर देखु रन सीता। लछिमन इहाँ हत्यो इँद्रजीता।। Leave a Comment कह रघुबीर देखु रन सीता। लछिमन इहाँ हत्यो इँद्रजीता।। Read More »
गहि सरनागति राम की, भवसागर की नाव।रहिमन जगत उधार को, Leave a Comment गहि सरनागति राम की, भवसागर की नाव।रहिमन जगत उधार को, Read More »
परहित,वृक्ष कबहुँ नहिं फल भखै, नदी न संचै नीर। Leave a Comment परहित,वृक्ष कबहुँ नहिं फल भखै, नदी न संचै नीर। Read More »
सरल,गुर पद बंदि सहित अनुरागा। राम मुनिन्हसन आयसु मागा॥ Leave a Comment सरल,गुर पद बंदि सहित अनुरागा। राम मुनिन्हसन आयसु मागा॥ Read More »
सरल,जानहु मुनि तुम्ह मोर सुभाऊ। जन सन कबहुँ कि करऊँ दुराऊ॥ Leave a Comment सरल,जानहु मुनि तुम्ह मोर सुभाऊ। जन सन कबहुँ कि करऊँ दुराऊ॥ Read More »