कह रघुबीर देखु रन सीता। लछिमन इहाँ हत्यो इँद्रजीता।। Leave a Comment कह रघुबीर देखु रन सीता। लछिमन इहाँ हत्यो इँद्रजीता।। Read More »
गहि सरनागति राम की, भवसागर की नाव।रहिमन जगत उधार को, Leave a Comment गहि सरनागति राम की, भवसागर की नाव।रहिमन जगत उधार को, Read More »
जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। Leave a Comment जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। Read More »
सरल,गुर पद बंदि सहित अनुरागा। राम मुनिन्हसन आयसु मागा॥ Leave a Comment सरल,गुर पद बंदि सहित अनुरागा। राम मुनिन्हसन आयसु मागा॥ Read More »
सरल,जानहु मुनि तुम्ह मोर सुभाऊ। जन सन कबहुँ कि करऊँ दुराऊ॥ Leave a Comment सरल,जानहु मुनि तुम्ह मोर सुभाऊ। जन सन कबहुँ कि करऊँ दुराऊ॥ Read More »
सरल,रघुबंसिन्ह कर सहज सुभाऊ। मनु कुपंथ पगु धरइ न काऊ॥ Leave a Comment सरल,रघुबंसिन्ह कर सहज सुभाऊ। मनु कुपंथ पगु धरइ न काऊ॥ Read More »
सरल,अति बिनीत मृदु सीतल बानी। बोले रामु जोरि जुग पानी॥ Leave a Comment सरल,अति बिनीत मृदु सीतल बानी। बोले रामु जोरि जुग पानी॥ Read More »
सरल,तब कर कमल जोरि रघुराई। बोले बचन श्रवन सुखदाई।। Leave a Comment सरल,तब कर कमल जोरि रघुराई। बोले बचन श्रवन सुखदाई।। Read More »
सरल,नाइ सीसु पद अति अनुरागा। उठि रघुबीर बिदा तब मागा॥ Leave a Comment सरल,नाइ सीसु पद अति अनुरागा। उठि रघुबीर बिदा तब मागा॥ Read More »
सरल,हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी। तुम्ह देखी सीता मृगनैनी॥ Leave a Comment सरल,हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी। तुम्ह देखी सीता मृगनैनी॥ Read More »