नर तन सम नहिं कवनिउ देही। जीव चराचर जाचत तेही।। Leave a Comment नर तन सम नहिं कवनिउ देही। जीव चराचर जाचत तेही।। Read More »
यह सब माया कर परिवारा। प्रबल अमिति को बरनै पारा।। Leave a Comment यह सब माया कर परिवारा। प्रबल अमिति को बरनै पारा।। Read More »
माया,मैं अरु मोर तोर तैं माया। जेहिं बस कीन्हे जीव निकाया॥ Leave a Comment माया,मैं अरु मोर तोर तैं माया। जेहिं बस कीन्हे जीव निकाया॥ Read More »
माया,एक बार प्रभु सुख आसीना। लछिमन बचन कहे छलहीना।। Leave a Comment माया,एक बार प्रभु सुख आसीना। लछिमन बचन कहे छलहीना।। Read More »
अहंकार,नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं। प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं॥ Leave a Comment अहंकार,नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं। प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं॥ Read More »
मानस चिंतन,भरी उनकी आँखों में है कितनी करुणा। Leave a Comment मानस चिंतन,भरी उनकी आँखों में है कितनी करुणा। Read More »
मानस चिंतन,जानें बिनु न होइ परतीती । बिनु परतीति होइ नहि प्रीती । Leave a Comment मानस चिंतन,जानें बिनु न होइ परतीती । बिनु परतीति होइ नहि प्रीती । Read More »
कह रघुबीर देखु रन सीता। लछिमन इहाँ हत्यो इँद्रजीता।। Leave a Comment कह रघुबीर देखु रन सीता। लछिमन इहाँ हत्यो इँद्रजीता।। Read More »
श्रवन सुजसु सुनि आयउँ, प्रभु भंजन भव भीर। Leave a Comment श्रवन सुजसु सुनि आयउँ, प्रभु भंजन भव भीर। Read More »