Mahender Upadhyay

मानस चिंतन,सहज सरल सामान्य साधारण,मम दरसन फल परम अनूपा।

मम दरसन फल परम अनूपा। भगवान राम का स्वभाव सहज और सरल है। ऐसा स्वभाव जिस भक्त का होता है… Read More

3 years ago

सलाह सम्मति विचार विमर्श परामर्श,नाथ कहिअ हम केहि मग जाहीं॥

राम सप्रेम कहेउ मुनि पाहीं। नाथ कहिअ हम केहि मग जाहीं॥ राम जी ने हमेशा सभी की सलाह से कार्य… Read More

3 years ago

हरि अवतार हेतु जेहि होई। इदमित्थं कहि जाइ न सोई॥

हरि अवतार हेतु जेहि होई। राम अवतार के कारण भाव वाले भक्त का, भगवान पर भी भार है। इसलिए परब्रह्म… Read More

3 years ago

दीनता,नम्रता छोटा,मेरा मुझ में कुछ नहीं,जो कुछ है सो तोर ।

मेरा मुझ में कुछ नहीं,जो कुछ है सो तोर । तेरा तुझकौं सौंपता, क्या लागै है मोर ॥ कबीर कह… Read More

3 years ago

विश्वास भरोसा,बिनु बिस्वास भगति नहिं तेहि बिनु द्रवहिं न रामु।

बिनु बिस्वास भगति नहिं तेहि बिनु द्रवहिं न रामु। काकभुशुण्डि ने कहा हे पक्षीराज गरुड़! निज-सुख (आत्मानंद) के बिना क्या… Read More

3 years ago

संशय भ्रम शंका,जेहि बिधि मोह भयउ प्रभु मोही। सोउ सब कथा सुनावउँ तोही॥

जेहि बिधि मोह भयउ प्रभु मोही। काकभुशुण्डि का संशय! हे पक्षीराज! मुझे यहाँ निवास करते सत्ताईस कल्प बीत गए॥ इहाँ… Read More

3 years ago

राम कथा कलिकामद गाई । सुजन संजीवन मूर सुहाई ।।

राम कथा कलिकामद गाई । मंगलाचरण जय जय राम कथा । जय श्री राम कथा।। इसे श्रवन कर मिट जाती… Read More

3 years ago

पार्वती विवाह,सतीं मरत हरि सन बरु मागा। जनम जनम सिव पद अनुरागा॥

सतीं मरत हरि सन बरु मागा। पर्वती विवाह- शिव जी के मना करने पर भी सती जी अपने पिता दक्ष… Read More

3 years ago

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। 1 मंगलाचरण जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा इसे श्रवन कर मिट जाती है… Read More

3 years ago

तुम्ह सारिखे संत प्रिय मोरें।धरउँ देह नहिं आन निहोरें॥

तुम्ह सारिखे संत प्रिय मोरें। भगवान रामजी का विभीषणजी के माध्यम हम सभी को दिव्य संदेश रामजी ने कहा- मनुष्य की ममता नौ जगह रहती है,… Read More

4 years ago