तेहि कौतुक कर मरमु न काहूँ। जाना अनुज न मातु पिताहूँ॥

2 years ago

तेहि कौतुक कर मरमु न काहूँ। काकभुशुण्डि हे पक्षीराज! मुझे यहाँ निवास करते सत्ताईस कल्प बीत गए, संत का मत… Read More

नाथ एक संसउ बड़ मोरें। करगत बेदतत्त्व सबु तोरें॥

2 years ago

नाथ एक संसउ बड़ मोरें। वाल्मीकि रामायण के बाद दूसरी रामकथा तुलसीकृत श्रीरामचरितमानस में भरद्वाज रामकथा के रसिक हैं। तुलसी… Read More

जब तें रामु ब्याहि घर आए । नित नव मंगल मोद बधाए ॥

2 years ago

जब तें रामु ब्याहि घर आए । परम पूज्य संत श्री डोंगरे जी महाराज कहा करते थे जिन परिवारों मे… Read More

संसय,देखि देखि आचरन तुम्हारा। होत मोह मम हृदयँ अपारा॥

2 years ago

देखि देखि आचरन तुम्हारा। वशिष्ठ  जी कहते है- ब्रह्मा जी के कहने पर मैंने (उपरोहित्य= ब्राह्मण का कर्म) द्वारा पूर्ण… Read More

पार्वती विवाह,जब तें सती जाइ तनु त्यागा। तब सें सिव मन भयउ बिरागा।।

2 years ago

जब तें सती जाइ तनु त्यागा। पार्वती विवाह3- सती के साथ कैलाश पर नित्य कथा होती थी उनके ना रहने… Read More

रचि महेस निज मानस राखा। पाइ सुसमउ सिवा सन भाषा॥

2 years ago

रचि महेस निज मानस राखा। तुलसी ने मानस सरोवर की तुलना सामान्य सरोवर से कि है जैसे तलाब में प्रायः… Read More

प्रभु पहिचानि परेउ गहि चरना। सो सुख उमा जाइ नहिं बरना॥

2 years ago

प्रभु पहिचानि परेउ गहि चरना। हनुमान जी ने अपना विप्र रूप का वेष रखकर राम जी से पूछा- हे सावले… Read More

ईस्वर अंस जीव अबिनासी। चेतन अमल सहज सुख रासी।।

2 years ago

  ईस्वर अंस जीव अबिनासी। तुलसीदासजी ने कहा-शुकदेवजी, सनकादि, नारदमुनि आदि जितने भक्त और परम ज्ञानी श्रेष्ठ मुनि हैं, मैं… Read More

प्रार्थना में दीन भाव जरूर बनाए रखें। दीन दयाल बिरिदु संभारी।

2 years ago

प्रार्थना में दीन भाव जरूर बनाए रखें। दीन दयाल बिरिदु संभारी। प्रार्थना में आप मांग बनाए रखें या न रखें,… Read More

मानस चिंतन,जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा।

2 years ago

जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा। तुलसीदास जी द्वारा महिमा- संजीवनी बूटी से मरे हुए लोग भी जीवित हो… Read More