माया,एक बार प्रभु सुख आसीना। लछिमन बचन कहे छलहीना।।

2 years ago

एक बार प्रभु सुख लक्ष्मणजी के वचनों में ही क्या, उनके हृदय में, उनके आचरण में कभी  कोई छल-कपट की… Read More

माया मरी न मन मरा, मर मर गये शरीर।

2 years ago

माया मरी न मन संत कबीर ने कहा शरीर तो नष्ट हो जाता है पर मन में उठने वाली आशा… Read More

अहंकार,नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं। प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं॥

2 years ago

नहिं कोउ अस जनमा एक अकेला अहंकार ही जीव को नर्क की यात्रा करा देता है। अहंकार अविद्या या अज्ञान… Read More

मानस चिंतन,भरी उनकी आँखों में है कितनी करुणा।

2 years ago

भरी उनकी आँखों आज के समय में मित्रता जल्दी टूट जाती है जबकि मित्रता कभी टूटती  ही नहीं अगर टूटती… Read More

प्रेम,बार बार प्रभु चहइ उठावा। प्रेम मगन तेहि उठब न भावा॥

2 years ago

बार बार प्रभु चहइ रामजी हनुमान जी को बार-बार उठाना चाहते है, परंतु प्रेम में डूबे हुए हनुमान जी को… Read More

मानस चिंतन,जानें बिनु न होइ परतीती । बिनु परतीति होइ नहि प्रीती ।

2 years ago

जानें बिनु न होइ किसी से प्रेम तब तक नहीं हो सकता जब तक उसके विषय में जानकारी ना हो… Read More

कह रघुबीर देखु रन सीता। लछिमन इहाँ हत्यो इँद्रजीता।।

2 years ago

कह रघुबीर देखु रन प्रभु रामजी अपना पराक्रम कभी नहीं कहा- उनकी सदा रीति है कि वे हमेशा किये गए… Read More

श्रवन सुजसु सुनि आयउँ, प्रभु भंजन भव भीर।

2 years ago

श्रवन सुजसु सुनि आयउँ विभीषण की शरणागति के माध्यम से गोस्वामी जी- ने मनुष्य को ईश्वर की शरण में जाने की… Read More

गहि सरनागति राम की, भवसागर की नाव।रहिमन जगत उधार को,

2 years ago

गहि सरनागति राम की सभी युगों में शरणागति की महिमा भारी है सारे वेद, बेदान्त, रामायण, गीता , भागवत  उपनिषद्,… Read More

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता।

2 years ago

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल  रामायण में देवताओ की सरनागति-रावण के द्वारा जो अत्याचार हो रहा है वह व्यथा… Read More