बंदों अवधपुरी आति पावनि। सरजू सारि कलिकलुष नसावनि॥

14 hours ago
Mahender Upadhyay

बंदों अवधपुरी आति पावनि। सरयू का साधारण अर्थ स से सीता रा से राम जू इसलिए सरजू के जल को… Read More

अवध प्रभाव जान तब प्राणी। जब उर बसें राम धनु पाणी।।

1 month ago

अवध प्रभाव जान तब प्राणी।  किस कारण अयोध्या को विश्व का मस्तक कहा गया है। वेद और उपनिषदों में श्री… Read More

बंदउँ संत असज्जन चरना। दुःखप्रद उभय बीच कछु बरना॥

10 months ago

संत-असंत वंदना जितनी वन्दना मानस में बाबा तुलसी ने की उतनी वंदना किसी दूसरे ग्रंथ में किसी ने नहीं की… Read More

जिमि जिमि तापसु कथइ उदासा। तिमि तिमि नृपहि उपज बिस्वासा॥

1 year ago

जिमि जिमि तापसु कथइ अवतार के हेतु, प्रतापभानु  साधारण धर्म में भले ही रत रहा हो ज्ञानी भले ही रहा… Read More

बिस्व बिदित एक कैकय देसू। सत्यकेतु तहँ बसइ नरेसू॥

1 year ago

बिस्व बिदित एक कैकय अवतार के हेतु, फल की आशा को त्याग कर कर्म करते रहना चाहिए समस्त कर्मो के… Read More

स्वायंभू मनु अरु सतरूपा। जिन्ह तें भै नरसृष्टि अनूपा॥

1 year ago

स्वायंभू मनु अरु अवतार के हेतु,ब्रह्म अवतार की विशेषता यह है कि इसमें रघुवीरजी ने सभी चरित्रों कोअतिशय अर्थात पूर्ण… Read More

सुमिरत हरिहि श्राप गति बाधी। सहज बिमल मन लागि समाधी॥

1 year ago

सुमिरत हरिहि श्राप गति अवतार के हेतु, कैलाश पर्वत तो पूरा ही पावन है पर जहाँ जहाँ गंगा जी बहती… Read More

नारद श्राप दीन्ह एक बारा। कलप एक तेहि लगि अवतारा।।

1 year ago

नारद श्राप दीन्ह एक बारा। अवतार के हेतु, भगवान को राक्षस राज जालंधर की पतिव्रता पत्नी वृन्दा और नारद जी… Read More

एक कलप सुर देखि दुखारे। समर जलंधर सन सब हारे॥

1 year ago

एक कलप सुर देखि अवतार के हेतु, एक कल्प में सब देवताओं को जलन्धर दैत्य से युद्ध में हार जाने… Read More

राम जनम के हेतु अनेका। परम बिचित्र एक तें एका॥

1 year ago

राम जनम के हेतु राम अवतार के कारण 2-पार्वती जी विवाह के उपरांत भगवत चिंतन करती है एक दिन माँ… Read More