goswami tulsidas krit ramcharitmanas

ईस्वर अंस जीव अबिनासी। चेतन अमल सहज सुख रासी।।

ईस्वर अंस जीव अबिनासी। तुलसीदासजी ने कहा-शुकदेवजी, सनकादि, नारदमुनि आदि जितने भक्त और परम ज्ञानी श्रेष्ठ मुनि हैं, मैं धरती… Read More

3 years ago

प्रार्थना में दीन भाव जरूर बनाए रखें। दीन दयाल बिरिदु संभारी।

प्रार्थना में दीन भाव जरूर बनाए रखें। दीन दयाल बिरिदु संभारी। प्रार्थना में आप मांग बनाए रखें या न रखें,… Read More

3 years ago

मानस चिंतन,जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा।

जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा। तुलसीदास जी द्वारा महिमा- संजीवनी बूटी से मरे हुए लोग भी जीवित हो… Read More

3 years ago

पर हित लागि तजइ जो देही। संतत संत प्रसंसहिं तेही॥

पर हित लागि तजइ जो देही। काम देव ने विचार किया कि मैंने अभी तक अपने सामने  किसी को कुछ… Read More

3 years ago