जरा मरन दुख रहित तनु समर जितै जनि कोउ। एकछत्र रिपुहीन महि। Leave a Comment जरा मरन दुख रहित तनु समर जितै जनि कोउ। एकछत्र रिपुहीन महि। Read More »
राम सप्रेम कहेउ मुनि पाहीं। नाथ कहिअ हम केहि मग जाहीं॥ Leave a Comment राम सप्रेम कहेउ मुनि पाहीं। नाथ कहिअ हम केहि मग जाहीं॥ Read More »
असरन सरन बिरदु संभारी। मोहि जनि तजहु भगत हितकारी।। Leave a Comment असरन सरन बिरदु संभारी। मोहि जनि तजहु भगत हितकारी।। Read More »
कारन कवन नाथ नहिं आयउ। जानि कुटिल किधौं मोहि बिसरायउ।। Leave a Comment कारन कवन नाथ नहिं आयउ। जानि कुटिल किधौं मोहि बिसरायउ।। Read More »
मैं निसिचर अति अधम सुभाऊ। सुभ आचरनु कीन्ह नहिं काऊ॥ Leave a Comment मैं निसिचर अति अधम सुभाऊ। सुभ आचरनु कीन्ह नहिं काऊ॥ Read More »
गौतम नारि श्राप बस उपल देह धरि धीर। चरन कमल रज चाहति Leave a Comment गौतम नारि श्राप बस उपल देह धरि धीर। चरन कमल रज चाहति Read More »
होइहि भजनु न तामस देहा। मन क्रम बचन मंत्र दृढ़ एहा॥ Leave a Comment होइहि भजनु न तामस देहा। मन क्रम बचन मंत्र दृढ़ एहा॥ Read More »
ता पर मैं रघुबीर दोहाई। जानउँ नहिं कछु भजन उपाई॥ Leave a Comment ता पर मैं रघुबीर दोहाई। जानउँ नहिं कछु भजन उपाई॥ Read More »
सहज सरल सुनि रघुबर बानी। साधु साधु बोले मुनि ग्यानी॥ Leave a Comment सहज सरल सुनि रघुबर बानी। साधु साधु बोले मुनि ग्यानी॥ Read More »
नाथ संभुधनु भंजनिहारा। होइहि केउ एक दास तुम्हारा॥ Leave a Comment नाथ संभुधनु भंजनिहारा। होइहि केउ एक दास तुम्हारा॥ Read More »