संसय,बंधन काटि गयो उरगादा। उपजा हृदयँ प्रचंड बिषादा॥ Leave a Comment संसय,बंधन काटि गयो उरगादा। उपजा हृदयँ प्रचंड बिषादा॥ Read More »
मोरेहु कहें न संसय जाहीं। बिधि बिपरीत भलाई नाहीं॥ Leave a Comment मोरेहु कहें न संसय जाहीं। बिधि बिपरीत भलाई नाहीं॥ Read More »
संसय,एकरूप तुम्ह भ्राता दोऊ। तेहि भ्रम तें नहिं मारेउँ सोऊ।। Leave a Comment संसय,एकरूप तुम्ह भ्राता दोऊ। तेहि भ्रम तें नहिं मारेउँ सोऊ।। Read More »
पार्वती विवाह,देखहु मुनि अबिबेकु हमारा। चाहिअ सदा सिवहि भरतारा।। Leave a Comment पार्वती विवाह,देखहु मुनि अबिबेकु हमारा। चाहिअ सदा सिवहि भरतारा।। Read More »
सौरज धीरज तेहि रथ चाका। सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका॥ Leave a Comment सौरज धीरज तेहि रथ चाका। सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका॥ Read More »
रावनु रथी बिरथ रघुबीरा। देखि बिभीषन भयउ अधीरा।। Leave a Comment रावनु रथी बिरथ रघुबीरा। देखि बिभीषन भयउ अधीरा।। Read More »
नाथ एक संसउ बड़ मोरें। करगत बेदतत्त्व सबु तोरें॥ Leave a Comment नाथ एक संसउ बड़ मोरें। करगत बेदतत्त्व सबु तोरें॥ Read More »
जब तें रामु ब्याहि घर आए । नित नव मंगल मोद बधाए ॥ Leave a Comment जब तें रामु ब्याहि घर आए । नित नव मंगल मोद बधाए ॥ Read More »
संशय भ्रम शंका,जेहि बिधि मोह भयउ प्रभु मोही। सोउ सब कथा सुनावउँ तोही॥ Leave a Comment संशय भ्रम शंका,जेहि बिधि मोह भयउ प्रभु मोही। सोउ सब कथा सुनावउँ तोही॥ Read More »
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ Leave a Comment प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ Read More »