जो आपन चाहै कल्याना। विभीषणजी द्वारा रावण को सलाह=कल्याण क्या है? साधारण नियम यही है कि अपना अकल्याण चाहने वाला… Read More
रामानुज लघु रेख खचाई। सोउ नहिं नाघेहु असि मनुसाई॥ मंदोदरी का चौथी बार समझाना- आज सभा के बीच में एक… Read More
सजल नयन कह जुग कर जोरी। तीसरा उपदेश मंदोदरी का-पिछले दो बार के उपदेशों में मन्दोदरी ने “कन्त और प्रिय!… Read More
चरन नाइ सिरु अंचलु रोपा। मन्दोदरी का रावण को दूसरी बार समझाना है।- प्रथम बार सुन्दर काण्ड में समझाया।जब कोई… Read More
रहसि जोरि कर पति पग लागी। मन्दोदरी प्रथम बार एकांत में हाथ जोड़कर पति (रावण) के चरणों लगी और… Read More