बार बार प्रभु चहइ रामजी हनुमान जी को बार-बार उठाना चाहते है, परंतु प्रेम में डूबे हुए हनुमान जी को… Read More
श्रवन सुजसु सुनि आयउँ विभीषण की शरणागति के माध्यम से गोस्वामी जी- ने मनुष्य को ईश्वर की शरण में जाने की… Read More
देवताओ की सरनागति,जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। रामायण में देवताओ की सरनागति-रावण के द्वारा जो अत्याचार हो… Read More
सलाह,भल न कीन्ह तैं निसिचर नाहा। कुम्भकर्ण की रावण को सलाह- तुम राक्षसो के नाथ हो । तुम्हे ऐसा कर्म… Read More
दसमुख कहा मरमु तेहिं सुना। कालनेमि की रावण को सलाह- रावण का एक भेदिया दूत वानरी सेना मे प्रविष्ट हो… Read More
कह सुक नाथ सत्य सब बानी। शुक द्वारा रावण को सलाह-शुक को रावण ने विभीषण के पीछे भेजा था। वानरों… Read More
बोला बचन नीति अति पावन। माल्यवंत की रावण को सलाह- माल्यवंत में यहाँ चार विशेषता कहीं गई -( १) (अति… Read More
उत्तम कुल पुलस्ति कर नाती। अंगद की रावण को सलाह- कुल परम्परा को लेकर अंगद हितोपदेश करते हैं कि तुम… Read More
सब के बचन श्रवन सुनि, कह प्रहस्त कर जोरि। सेनापति प्रहस्त की रावण को सलाह=सेनापति प्रहस्त ने सब की बाते… Read More
की तजि मान अनुज इव ,प्रभु पद पंकज भृंग। लक्ष्मण ने पत्रिका के माध्यम से रावण को सलाह दी।अरे मूर्ख! … Read More