उत्तम कुल पुलस्ति कर नाती। अंगद की रावण को सलाह- कुल परम्परा को लेकर अंगद हितोपदेश करते हैं कि तुम… Read More
सब के बचन श्रवन सुनि, कह प्रहस्त कर जोरि। सेनापति प्रहस्त की रावण को सलाह=सेनापति प्रहस्त ने सब की बाते… Read More
की तजि मान अनुज इव ,प्रभु पद पंकज भृंग। लक्ष्मण ने पत्रिका के माध्यम से रावण को सलाह दी।अरे मूर्ख! … Read More
जो आपन चाहै कल्याना। विभीषणजी द्वारा रावण को सलाह=कल्याण क्या है? साधारण नियम यही है कि अपना अकल्याण चाहने वाला… Read More
रामानुज लघु रेख खचाई। सोउ नहिं नाघेहु असि मनुसाई॥ मंदोदरी का चौथी बार समझाना- आज सभा के बीच में एक… Read More
सजल नयन कह जुग कर जोरी। तीसरा उपदेश मंदोदरी का-पिछले दो बार के उपदेशों में मन्दोदरी ने “कन्त और प्रिय!… Read More
केहि बिधि अस्तुति करौं तुम्हारी। संत जन कहते है संसार सागर को पार करने का सबसे सरल उपाय कोई… Read More
चरन नाइ सिरु अंचलु रोपा। मन्दोदरी का रावण को दूसरी बार समझाना है।- प्रथम बार सुन्दर काण्ड में समझाया।जब कोई… Read More
रे त्रिय चोर कुमारग गामी। रावन का माता जानकी को सुमुखि' का भाव यह है कि मैं तुम्हारे सुन्दर मुख … Read More
जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल। तुलसीदास जी ने कहा-योग, लग्न, ग्रह, वार, तिथि इत्यादि सभी अनुकूल हो… Read More