सलाह,सजल नयन कह जुग कर जोरी। सुनहु प्रानपति बिनती मोरी॥
सजल नयन कह जुग कर जोरी। तीसरा उपदेश मंदोदरी का-पिछले दो बार के उपदेशों में… Read More
सजल नयन कह जुग कर जोरी। तीसरा उपदेश मंदोदरी का-पिछले दो बार के उपदेशों में… Read More
रहसि जोरि कर पति पग लागी। मन्दोदरी प्रथम बार एकांत में हाथ जोड़कर पति (रावण)… Read More
रे त्रिय चोर कुमारग गामी। रावण का माता जानकी को सुमुखि कहने का भाव यह… Read More
जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल। राम जी के जीवन में(कई बेहतरीन योग… Read More
मुनि मख राखन गयउ कुमारा। रावण को 19 बार वैर छोड़ कर राम का भजन… Read More
कहइ रीछपति सुनु हनुमाना। काकभुशुण्डिजी कहते हैं- हे गरुड़जी! हनुमान जी को छोड़ कर सभी… Read More
कह बालि सुनु भीरु प्रिय समदरसी रघुनाथ। तारा ने बाली से कहा कि हे नाथ!… Read More
नारद सिख जे सुनहिं नर नारी। सप्तऋषि ने पार्वती को भटकाने के लिए बहुत कुछ… Read More
जौं बिनु बोलें जाहु भवानी। शिव जी के मन को भाने का कारण- यज्ञ भगवान… Read More
बार बार बिनवउँ मुनि तोही। शिवजी ने नारदजी से कहा हे मुनि! मैं तुमसे बार-बार… Read More