जीने कीराह

संशय भ्रम शंका,जेहि बिधि मोह भयउ प्रभु मोही। सोउ सब कथा सुनावउँ तोही॥

जेहि बिधि मोह भयउ प्रभु मोही। काकभुशुण्डि का संशय! हे पक्षीराज! मुझे यहाँ निवास करते… Read More

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। 1 मंगलाचरण जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा इसे… Read More

तुम्ह सारिखे संत प्रिय मोरें।धरउँ देह नहिं आन निहोरें॥

तुम्ह सारिखे संत प्रिय मोरें। भगवान रामजी का विभीषणजी के माध्यम हम सभी को दिव्य संदेश रामजी ने कहा- मनुष्य… Read More

साखामग कै बड़ि मनुसाई। साखा तें साखा पर जाई॥

साखामग कै बड़ि मनुसाई। हनुमान जी की दीनता लघुता- हनुमान को ही अष्ट सिद्धि और… Read More

जोरि पानि प्रभु कीन्ह प्रनामू। पिता समेत लीन्ह निज नामू॥

जोरि पानि प्रभु कीन्ह प्रनामू। हम सभी कक्षा एक से  केवल और केवल यही  गाते… Read More

परहित बस जिन्ह के मन माहीं ।तिन्ह कहुँ जग दुर्लभ कछु नाहीं ॥

परहित बस जिन्ह के मन माहीं । संत  कहते  है आत्म कल्याण से मनुष्य पर … Read More

बिनु सतसंग बिबेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।

बिनु सतसंग बिबेक न होई। सत्संग का अर्थ 'संतों का संग' ऐसा इसलिए संत अथाह ज्ञान… Read More

गुरु महिमा,गुर बिनु भव निध तरइ न कोई। जौं बिरंचि संकर सम होई॥

गुर बिनु भव निध तरइ न कोई। तीन लोक नौ खण्ड में गुरु से बड़ा… Read More

मनुष्य शरीर,देह धरे कर यह फलु भाई। भजिअ राम सब काम बिहाई।।

देह धरे कर यह फलु भाई।  मनुष्य को जो देह से प्यार है उसमे कोई… Read More