रामायण

सरल,रघुबंसिन्ह कर सहज सुभाऊ। मनु कुपंथ पगु धरइ न काऊ॥

रघुबंसिन्ह कर सहज श्री रामचन्द्रजी भाई लक्ष्मण से बोले- सहज सुभाऊ' अर्थात्‌ उनका मन स्वतः वश में रहता है, उनको साधन… Read More

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सरल,अति बिनीत मृदु सीतल बानी। बोले रामु जोरि जुग पानी॥

अति बिनीत मृदु सीतल बानी। परशुरामजी (समर=युद्ध)करने पर तुले हुए और रामजी युद्ध नहीं करना चाहते है क्योंकि परशुराम जी… Read More

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सरल,तब कर कमल जोरि रघुराई। बोले बचन श्रवन सुखदाई।।

तब कर कमल जोरि रघुराई। यहाँ रामजी ने हाथ जोड़ कर अपने ऐश्वर्य को छुपाया और मुनि वाल्मीकि जी के… Read More

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सरल,नाइ सीसु पद अति अनुरागा। उठि रघुबीर बिदा तब मागा॥

नाइ सीसु पद अति अनुरागा।  अति अनुरागा। का भाव वनवास सुनकर रामजी के मन में किंचित मात्र भी दुख नहीं… Read More

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सरल,हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी। तुम्ह देखी सीता मृगनैनी॥

हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी। तुम्ह देखी सीता मृगनैनी॥ हे पक्षियों! हे पशुओं! हे भौंरों की पंक्तियों! तुमने कहीं… Read More

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सरल,दुनिया में जो देव पुजे है सभी पुजे है प्रभाव से।

दुनिया में जो देव पुजे है सभी पुजे है प्रभाव से। भगवान राम का स्वभाव सहज और सरल है। ऐसा… Read More

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सलाह,भल न कीन्ह तैं निसिचर नाहा। अब मोहि आइ जगाएहि काहा॥

सलाह,भल न कीन्ह तैं निसिचर नाहा। कुम्भकर्ण की रावण को सलाह-तुम राक्षसो के नाथ हो।तुम्हे ऐसा कर्म नहीं  करना चाहिए जिससे… Read More

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सलाह,दसमुख कहा मरमु तेहिं सुना। पुनि पुनि कालनेमि सिरु धुना।।

दसमुख कहा मरमु तेहिं सुना। कालनेमि की रावण को सलाह- रावण का एक भेदिया दूत वानरी सेना मे प्रविष्ट हो… Read More

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सलाह,कह सुक नाथ सत्य सब बानी। समुझहु छाड़ि प्रकृति अभिमानी॥

कह सुक नाथ सत्य सब बानी। शुक द्वारा रावण को सलाह-शुक को रावण ने विभीषण के पीछे भेजा था। वानरों… Read More

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सलाह,बोला बचन नीति अति पावन। सुनहु तात कछु मोर सिखावन॥

बोला बचन नीति अति पावन। माल्यवंत की रावण को सलाह- माल्यवंत में  यहाँ चार विशेषता कहीं गई -( १) (अति… Read More

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