मानस चिंतन

नाथ एक संसउ बड़ मोरें। करगत बेदतत्त्व सबु तोरें॥

नाथ एक संसउ बड़ मोरें। वाल्मीकि रामायण के बाद दूसरी रामकथा तुलसीकृत श्रीरामचरितमानस में भरद्वाज रामकथा के रसिक हैं। तुलसी… Read More

3 years ago

जब तें रामु ब्याहि घर आए । नित नव मंगल मोद बधाए ॥

जब तें रामु ब्याहि घर आए । परम पूज्य संत श्री डोंगरे जी महाराज कहा करते थे जिन परिवारों मे… Read More

3 years ago

हरि अवतार हेतु जेहि होई। इदमित्थं कहि जाइ न सोई॥

हरि अवतार हेतु जेहि होई। राम अवतार के कारण भाव वाले भक्त का, भगवान पर भी भार है। इसलिए परब्रह्म… Read More

3 years ago

राम कथा कलिकामद गाई । सुजन संजीवन मूर सुहाई ।।

राम कथा कलिकामद गाई । मंगलाचरण जय जय राम कथा । जय श्री राम कथा।। इसे श्रवन कर मिट जाती… Read More

3 years ago

पार्वती विवाह,सतीं मरत हरि सन बरु मागा। जनम जनम सिव पद अनुरागा॥

      सतीं मरत हरि सन बरु मागा। पर्वती विवाह- शिव जी के मना करने पर भी सती जी… Read More

3 years ago

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥

प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। 1 मंगलाचरण जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा इसे श्रवन कर मिट जाती है… Read More

3 years ago

तुम्ह सारिखे संत प्रिय मोरें।धरउँ देह नहिं आन निहोरें॥

  तुम्ह सारिखे संत प्रिय मोरें। भगवान रामजी का विभीषणजी के माध्यम हम सभी को दिव्य संदेश रामजी ने कहा-  मनुष्य की ममता नौ जगह  रहती… Read More

4 years ago

रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥

रामहि केवल प्रेमु पिआरा। गोपियों ने कहा- हे उद्धवजी! हम जानते  हैं कि संसार में किसी से  आशा न रखना… Read More

5 years ago

चंद्रोदय,कह प्रभु ससि महुँ मेचकताई। कहहु काह निज निज मति भाई॥

कह प्रभु ससि महुँ मेचकताई। सुबेल पर्वत पर भगवान बैठे है कह रहे है।राम  जी को  चन्द्रमा के कलंक को … Read More

5 years ago

जोरि पानि प्रभु कीन्ह प्रनामू। पिता समेत लीन्ह निज नामू॥

  जोरि पानि प्रभु कीन्ह प्रनामू। हम सभी कक्षा एक से  केवल और केवल यही  गाते आ रहे है जीवन… Read More

5 years ago