नाथ एक संसउ बड़ मोरें। वाल्मीकि रामायण के बाद दूसरी रामकथा तुलसीकृत श्रीरामचरितमानस में भरद्वाज रामकथा के रसिक हैं। तुलसी… Read More
जब तें रामु ब्याहि घर आए । परम पूज्य संत श्री डोंगरे जी महाराज कहा करते थे जिन परिवारों मे… Read More
हरि अवतार हेतु जेहि होई। राम अवतार के कारण भाव वाले भक्त का, भगवान पर भी भार है। इसलिए परब्रह्म… Read More
राम कथा कलिकामद गाई । मंगलाचरण जय जय राम कथा । जय श्री राम कथा।। इसे श्रवन कर मिट जाती… Read More
सतीं मरत हरि सन बरु मागा। पर्वती विवाह- शिव जी के मना करने पर भी सती जी… Read More
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। 1 मंगलाचरण जय जय राम कथा|जय श्री राम कथा इसे श्रवन कर मिट जाती है… Read More
तुम्ह सारिखे संत प्रिय मोरें। भगवान रामजी का विभीषणजी के माध्यम हम सभी को दिव्य संदेश रामजी ने कहा- मनुष्य की ममता नौ जगह रहती… Read More
रामहि केवल प्रेमु पिआरा। गोपियों ने कहा- हे उद्धवजी! हम जानते हैं कि संसार में किसी से आशा न रखना… Read More
कह प्रभु ससि महुँ मेचकताई। सुबेल पर्वत पर भगवान बैठे है कह रहे है।राम जी को चन्द्रमा के कलंक को … Read More
जोरि पानि प्रभु कीन्ह प्रनामू। हम सभी कक्षा एक से केवल और केवल यही गाते आ रहे है जीवन… Read More