सहज सरल सुनि रघुबर बानी। साधु साधु बोले मुनि ग्यानी॥
सहज सरल सुनि रघुबर बानी। भारद्वाज मुनि के आश्रम से चलते समय रामजी ने मुनि… Read More
सहज सरल सुनि रघुबर बानी। भारद्वाज मुनि के आश्रम से चलते समय रामजी ने मुनि… Read More
नाथ संभुधनु भंजनिहारा। भगवान परशुराम कहते है कि यह धनुष भगवान विष्णु का है, आखिर… Read More
मेरा मुझमें कुछ नहीं,जो कुछ है सो तोर। कबीर कह रहे हैं कि अगर आपको… Read More
उपजइ राम चरन बिस्वासा। तुलसीदास जी ने कहा-अपने अपने धर्म में जो अटल विश्वास है,… Read More
कवनिउ सिद्धि कि बिनु बिस्वासा। ये तो भारत जैसे सनातन धर्म की महिमा है कि… Read More
बंधन काटि गयो उरगादा। रण की शोभा तब ही होती है जब बराबर के वीरों… Read More
मोरेहु कहें न संसय जाहीं। पार्वती जी के मन में संशय- जगत को पवित्र करनेवाले… Read More
एकरूप तुम्ह भ्राता दोऊ। श्री राम जी के मन में संशय- बालि और सुग्रीव के… Read More
देखहु मुनि अबिबेकु हमारा। पार्वती विवाह- शंकर जी ने सप्तऋषियों से कहा की जाकर पार्वती… Read More
सौरज धीरज तेहि रथ चाका। तुलसीदास ने रामजी के माध्यम से हम सभी को यह… Read More